इस स्कीम में डीडीए 18335 फ्लैट शामिल किए थे और 22179 लोगों ने आवेदन किए, लेकिन 12387 आवेदकों ने ही आवश्यक पंजीकरण शुल्क जमा कराया। इस कारण ड्रॉ में इन्हीं आवेदकों को शामिल किया गया।
डीडीए ने अपने फ्लैट बेचने के लिए सोमवार को 412वां ड्रॉ निकाला। ड्रॉ रैंडम नंबर जनरेशन सिस्टम के आधार पर निकाला गया। विवादों से बचने के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और तीन स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की देखरेख में ड्रॉ निकाला गया। आम जनता के लिए http://dda.golivecast.in/ लिंक के माध्यम से ड्रॉ का सीधा प्रसारण किया गया। डीडीए ने 23 दिसंबर 2021 को जारी की इस स्कीम में 28 इलाकों में मौजूद 18335 फ्लैट शामिल किए थे।
इस स्कीम के तहत गत सात फरवरी तक आवेदन किया जा सकता था, लेकिन इस अवधि तक फ्लैटों की संख्या से कम केवल 16000 हजार लोगों ने ही आवेदन किया। इस कारण डीडीए ने आवेदन करने तिथि एक माह तक बढ़ा दी। ड्रा के परिणाम की सूची वेबसाइट dda.gov.in पर उपलब्ध कराई है।
नरेला पर फोकस के बावजूद नहीं बिके फ्लैट
डीडीए का नरेला के फ्लैट बेचने पर खास ध्यान था, दरअसल डीडीए का मानना है कि नरेला जल्द ही एक बड़ा उपनगर बनेगा। नरेला में राजधानी के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने पर काम चल रहा है। वहां के लिए बस एवं मेट्रो सेवा उपलब्ध होगी। इस कारण डीडीए स्कीम के तहत आवेदन करने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का निर्णय लिया था। इस तरह आवेदकों को फ्लैट की कीमत में सब्सिडी मिलती। इसके अलावा डीडीए ने नरेला के ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के निर्माण पर 10 से 40 फीसदी तक लागत कम की थी। इसके बावजूद यहां सेक्टर जी-7 में 6546 एलआईजी फ्लैटों और सेक्टर ए1 से ए4 में ईडब्ल्यूएस के 5033 फ्लैटों के लिए क्रमश: 687 और 2234 आवेदन आए।
दूर और जर्जर होने से नहीं बिके अधिकांश फ्लैट
डीडीए के अधिकतर फ्लैट नई दिल्ली इलाके से काफी दूर हैं और स्थिति भी खराब हो चुकी है। इस कारण लोग ये फ्लैट लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे है। डीडीए के अधिकतर फ्लैट द्वारका, मंगलापुरी, बक्करवाला, रोहिणी, नरेला, जसोला, वसंत कुंज आदि जगह पर हैं। इसके अलावा नरेला, बक्करवाला, रोहिणी में वीरान जगह पर फ्लैट बने हुए है। इन स्थानों पर न तो बस सेवा है और न ही मार्केट। इतना ही नहीं, इन इलाकों में रात में नहीं, बल्कि दिन में भी वारदात होने का खतरा रहता है।
पुराने फ्लैट होने के कारण लोगों ने नहीं ली रुचि
डीडीए ने अपनी स्कीम में वे फ्लैट शामिल किए थे, जो पुरानी आवासीय योजनाओं में नहीं बिक सके। योजना सफल बनाने के लिए डीडीए ने छूट की पेशकश भी की थी। स्कीम में शामिल 18335 फ्लैट द्वारका, नरेला, रोहिणी और जसोला समेत अन्य स्थानों पर थे। इनमें एचआईजी श्रेणी के 205 फ्लैट, एमआईजी श्रेणी के 976 फ्लैट, एलआईजी श्रेणी के 11452 फ्लैट और ईडब्ल्यूएस जनता फ्लैट श्रेणी के 5,702 फ्लैट शामिल थे। जसोला में एचआईजी 1.97 करोड़ से 2.14 करोड़ और नरेला में सबसे कम कीमत के फ्लैट (इंडब्ल्यूएस) उपलब्ध थे। नरेला के फ्लैटों की कीमत 7.91 लाख से 11.45 लाख के बीच रखी गई थी।