दिल्ली में 28 मार्च को 47 हजार से अधिक लोगों ने पहली खुराक ली थी, जबकि दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 26 हजार से ज्यादा थी। करीब पांच हजार लोगों ने एहतियाती खुराक ली, लेकिन 15 अप्रैल तक पहली खुराक लेने वाले लोगों की संख्या 1722, दूसरी खुराक वालों का आंकड़ा 2532 व एहतियाती खुराक वालों की संख्या 5243 दर्ज की गई है। वहीं, बीते चार दिनों की आंकड़ों की बात करें तो सप्ताहांत पर एक साथ हुई चार छुट्टियों ने टीकाकरण के ग्राफ को और नीचे गिरा दिया। 12 अप्रैल तक पहली खुराक लेने वाली की संख्या तीन हजार से अधिक थी, लेकिन 15 अप्रैल तक यह 1700 के करीब रह गई। वहीं, दूसरी खुराक वालों की संख्या 12 अप्रैल तक 11 हजार से अधिक थी, जो कि तीन दिनों में ही गिरकर ढाई हजार के करीब रह गई।
28 मार्च से बढ़े केस : राजधानी में बीती 28 मार्च से कोरोना के नए मामले बढ़ना शुरू हुए थे। 30 मार्च को आंकड़ा 123 पर पहुंच गया था, जबकि अप्रैल के पहले सप्ताह में ही यह डेढ़ सौ के आंकड़े को पार कर गया था। दूसरे सप्ताह के मध्य में यह 200 को पार करते हुए सप्ताहांत तक 300 से ऊपर चला गया।
तेजी से बढ़ा था एहतियाती खुराक का ग्राफ : सरकार ने 11 अप्रैल से 18 से 59 वर्ष के आयु के लोगों के लिए निजी केंद्रों पर एहतियाती खुराक को मंजूरी दी थी। इसके बाद लगातार दो दिन सोमवार और मंगलवार को सात हजार से अधिक लोगों ने एहतियाती खुराक प्राप्त की, जो कि एक दिन में लगने वाली एहतियाती खुराक की सर्वाधिक संख्या थी। 10 अप्रैल से पहले एहतियाती खुराक को सिर्फ अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों व 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को दी जा रही थी। दिल्ली में 200 से अधिक निजी केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा की गई है।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों में बच्चे ज्यादा
बेशक, अस्पतालों में इस समय भर्ती मरीजों की संख्या कम है, लेकिन इनमें बच्चों की संख्या अधिक है। शुक्रवार तक 51 मरीज भर्ती थे, जिसमें 14 बच्चे, यानी 27 फीसदी कोरोना संक्रमित थे। इनमें से 12 बच्चे कलावती शरण अस्पताल व एक-एक अपोलो और मधुकर अस्पताल में भर्ती थे। कलावती अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी बच्चे में गंभीर लक्षण नहीं हैं।
डीडीएमए करेगा समीक्षा
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 20 अप्रैल से मास्क पर लगने वाले जुर्माना को फिर से लागू किया जा सकता है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रस्ताव को तैयार किया गया है, जिसे दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में रखा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि मास्क को लेकर मंजूरी मिलने पर इसे अनिवार्य कर जुर्माने की राशि तय की जा सकती है।
तारीख | संक्रमित | पहली खुराक | दूसरी खुराक | एहतियाती खुराक |
28 मार्च | 90 | 47173 | 26714 | 4939 |
03 अप्रैल | 160 | 8273 | 11808 | 4994 |
10 अप्रैल | 141 | 448 | 389 | 2020 |
11 अप्रैल | 137 | 3653 | 12776 | 7552 |
12 अप्रैल | 202 | 3421 | 11614 | 7656 |
13 अप्रैल | 299 | 3310 | 7484 | 5940 |
14 अप्रैल | 325 | 2352 | 3237 | 5443 |
15 अप्रैल | 366 | 1722 | 2532 | 5243 |
नोट : आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हैं।
डॉक्टर बोले- लापरवाही के कारण बढ़ रहे केस
दिल्ली के सबसे बड़े कोविड केंद्र लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि लगातार मास्क को लेकर लापरवाही के कारण नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। यदि संक्रमण कम करना है तो कोरोना नियमों का पालन करना पड़ेगा। हालांकि, अच्छी बात यह है कि नए मामलों के साथ अभी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में उछाल नहीं आया है। वहीं, संक्रमण दर भी पांच फीसदी से नीचे है। एम्स के क्म्यूनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, अलग-अलग जगहों पर प्रतिरोधक क्षमता कम व अधिक होने के कारण कोरोना के मामलों में अंतर देखा जा रहा है।