अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Wed, 20 Apr 2022 05:52 AM IST
सार
परिवहन मंत्री से बातचीत में मिले आश्वासन को नाकाफी मानते हुए कैब चालकों ने बुधवार को भी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया। हालांकि, ऑटो-रिक्शा, पीली-काली टैक्सी यूनियनों ने दिल्लीवासियों की परेशानियों को देखते हुए सोमवार को ही विरोध स्थगित करने का फैसला ले लिया था।

कैब चालकों की हड़ताल से सड़कों पर मारामारी…
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी और किराया बढ़ाने के समर्थन में एप आधारित उबर और ओला के चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। इसलिए मंगलवार को भी सड़कों पर कैब काफी कम होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यदि कुछ कैब या टैक्सी चली भी तो अधिक किराया वसूला गया। कैब संगठनों ने जंतर-मंतर पर अपनी मांगों के समर्थन में धरना दिया।
परिवहन मंत्री से बातचीत में मिले आश्वासन को नाकाफी मानते हुए कैब चालकों ने बुधवार को भी हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया। हालांकि, ऑटो-रिक्शा, पीली-काली टैक्सी यूनियनों ने दिल्लीवासियों की परेशानियों को देखते हुए सोमवार को ही विरोध स्थगित करने का फैसला ले लिया था।
यात्री नीलेश ने बताया कि मयूर विहार से नोएडा फिल्म सिटी जाने के लिए कैब बुक करवाने की कोशिश की, लेकिन हड़ताल के कारण किराया अधिक मांगा जा रहा था। सामान्य किराए 300 की तुलना में 700 रुपये का भुगतान करना पड़ा। ऑटो, पीली-काली टैक्सियों के मंगलवार को सड़कों पर उतरने की वजह से हड़ताल का असर कम रहा।
यात्री दीपिका ने बताया कि कैब बुकिंग के लिए लंबा इंतजार और रेट अधिक होने की वजह से एम्स से लाजपत नगर जाने के लिए ऑटो लिया। इस पर भी अधिक किराया चुकाना पड़ा। अधिकतर यात्रियों को कैब की बुकिंग न होने की वजह से गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई।
मंत्री से बातचीत में नहीं निकला ठोस नतीजा ः सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि जंतर-मंतर पर दूसरे दिन भी कैब चालकों ने धरना दिया। दोपहर बाद परिवहन मंत्री कार्यालय में बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। चालकों को 10 दिन का आश्वासन देकर वापस भेज दिया गया।